Monday, August 15, 2016

नए हिंदी ब्लॉग पर आपका स्वागत है...

प्रिय मित्रों,
सबसे पहले तो मेरे इस ब्लॉग को पढ़ने के लिए , आपका तहे दिल से शुक्रिया ! काफी समय से मैं  सोच रहा था की एक 'हिंदी ब्लॉग' की शुरुआत की जाय !

जैसा हमेशा होता आया है, 'सोचा' की अच्छा  समय आने पर  शुरू करूँगा !

यकीं मानिये दोस्तों, वो अच्छा समय बहोत कोशिशों के बाद भी नहीं आ रहा था !

फिर मैंने इस काम को प्राथमिकता दी, जिसकी वजह से हिंदी ब्लॉग को आपके सामने ला पाया हूँ !

मुझे यक़ीन है आपका का सफर, मेरे शब्दों और कहानियों के साथ काफ़ी आनन्दमयी  रहेगा !
इन कहानियों का उपयोग आप खुल कर करें  और  कोई सुझाव  देना चाहें , तो आपका आमंत्रण  है !

हिंदी ब्लॉग पढ़ने के लिए कृपया ये लिंक क्लिक करें !

शब्दों में दुनिया है , और दुनिया में शब्द हैं ,
इन्ही शब्दों से आप किसी को रुला सकते हैं , हँसा सकते हैं, तड़पा सकते हैं  और धोका दे सकते हैं,
इन्ही शब्दों से  मुग़ल साम्राज्य का पतन हो गया,
इन्ही शब्दों से मोदी जी प्रधान मंत्री हो गए,
ओबामा राष्ट्रपति और केजरीवाल जी मुख्यमंत्री हो गए,

शब्दों की महिमा को समझिये
यही शब्द छन में अस्त्र, और छन में शस्त्र बन जाते हैं,

और अश्त्र और शस्त्र  तो कोई योद्धा ही चला सकता है,
शब्द कब अश्त्र और कब शस्त्र बनेंगे , इसके लिए छोटे छोटे अलंकार बनाये गए हैं,

जैसे कॉमा (,), फुल स्टॉप (.), इनवर्टेड कमास (" "), स्लैश (/), सेमि कॉलम (;), डबल डॉट (:), डैश (-), क्वेश्चन मार्क (?), एक्सक्लेमेशन (!) सिंगल कोटे (' ')  

यही अलंकार हैं जो शब्दों के आगे या पीछे लग जाएँ तो,
अर्थ का अनर्थ कर देते हैं और अनर्थ को अर्थ का रूप दे देते हैं,

इनसे प्रेम करें, भावनात्मक  तौर पे जुड़ें और  अभ्यास करें , यकीं मानिये, ये दुनिया बदलने की छमता  रखते हैं!

बौद्धिक विकास के लिए आप व्हाट्सएप्प द्वारा संपर्क कर सकते हैं !
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