चलो यूँ कर लें की लहरों को बांध दें
हर एक बूँद
से 'तूफान' को
निकाल दें
चलो यूँ कर
लें की आसमान
छु लें
अलकों पलकों
में ही आपित्त
निवारण कर लें
चलो यूँ कर
लें की सरहदों
को मिटा दें
हर दिल से
'सियासत' को हटा दें
चलो यूँ कर
लें की कल
को आज में
तप्दील कर लें
आज और कल
दोनों का मजा
एक साथ ले
लें
चलो यूँ कर
लें, चलो यूँ
कर लें….
वर्षों लगे हैं,
महफ़िल का रंग
ज़माने में
कई बरसातों ने रोका
है रंग चढ़ाने
में
चलो यूँ कर
लें, चलो यूँ
कर लें,
अब न रुक
पायेगा ये सैलाब
ऐय ‘हैरी’
वक्त खुद आ
गया है, रंग
बदलने को
चलो यूँ कर लें की आज बेरंग हो जाएँ
वक्त के बदलते रंगों में खो जाएँ
चलो यूँ कर लें, चलो यूँ कर लें….
रणभूमि से रंगभूमि में कदम रक्खा है
रंगभूमि ने रंगने की सर्त रक्खी है
और मैंने मुह न खोलने की जीद रखी है
चलो यूँ कर लें, चलो यूँ कर लें….
चलो यूँ कर लें, चलो यूँ कर लें,
नीले आकाश के ऊपर, ओशों ने एक इन्द्रधनुष बना रखा है,
न चाहते हुए भी करीब बुला रक्खा है, रंगों को अपने सीने में छुपा रक्खा है
चलो यूँ कर लें, चलो यूँ कर लें….
इन्द्रधनुष की एक एक बूंदों ने रंगने का प्रोग्राम बना रक्खा है,
चलो यूँ कर लें, चलो यूँ कर लें,
बूदों से 'तूफानों' का गहरा रिश्ता है, प्रकृति ने भी समझाने का अपना ही तरीका बना रक्खा है
चलो यूँ कर लें की.....
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