अलग अलग भाषाएँ
हैं लेकिन भगवान
एक है !
भगवान इतने द्विभाषिए
कहाँ से लाएगा
सभी की पूजा
समझने के लिए
!
उसने एक प्राकृतिक
इशारा बना लिया
है, तथास्तु !
जैसे, हे ईश्वर
- दो वक्त की
रोटी का जुगाड़
कर दे - तथास्तु
!!!
हे मौला - एक कमरे
का मकान दिला
दे - तथास्तु !!!
हे क्राइस्ट - एक रेड़ी
लगवा दे - तथास्तु
!!!
हे भगवन - इस दिवाली
पे सभी को
कपड़े दिलवा दे
- तथास्तु !!!
हम चाहे या
न चाहें, प्राकृतिक
रूप से चीज़ें
हमारे इर्द-गिर्द
मौजूद हैं !
जैसे आपको गाने
सुनने का मन
कर रहा है....आप रेडियो
अफ्म् लगा लें
!
एक फ्रीक्वेंसी पे आप
ने लगाया तो
रफ़ी के दर्द
भरे नग्मे चल
रहे थे ! आपने
सोचा के मुझे
कुछ रोमांटिक सुनना
है, आपने फ्रीक्वेंसी
बदल दी और
किशोर के मदमस्त
गाने सुनने लगे!
इसका मतलब रफ़ी
के गाने बंद
तो नहीं हो
गए, वो भी
चल रहे हैं,
लेकिन आप ने
अपनी फ्रीक्वेंसी बदल
ली ! ठीक इसी
प्रकार सफल व्यक्ति
एक अलग फ्रीक्वेंसी
पे काम करता
है .....!
कभी आपने किसी
मर्सेडिस पे
लिखा हुआ देखा
है - बुरी नज़र
वाले तेरा मुँह
कला ......
अक्सर ऑटो पे,
ट्रक पे, टेम्पो
पे, रिक्क्षे पे,
बस पे लिखा होता
है.......
अपने दिल पे
हाथ रख कर
बताइये , कभी आपके
दिल में सवाल
उठा है....
की काश
ये रिक्शा मेरा होता.....
हमको नज़र ही
लगानी है
तो मर्सेडिस को न
लगाएं ?
तेरा रिक्शा ही रह
गया है नज़र
लगाने को, और
जूती टांग कर
घूम रहा है
!
अब ये रिक्शा
वाला सोचता ही
है इस फ्रीक्वेंसी
पे, की भगवान
को तथास्तु कहना
ही पड़ता है
१
एक गरीब व्यक्ति
है अम्बानी - आपने नाम तो सुना
ही होगा
२७ मंज़िल का माकन,
कुछ १००० करोड़
से ऊपर की
मिल्कियत है
!
अक्सर एक गरीब
के झोंपड़े पे
हांडी लटक रही
होती है, ऑटो
पे निम्बू और
मिर्ची लटक रही
होती है !
नज़र ही लगाना है
तो अम्बानी के
घर को, क्यों
नहीं ?
तो याद रहे
जो जैसा सोंचता
है, उस फ्रीक्वेंसी
पे काम करता
है और भगवान
उसको 'तथास्तु' बोलता
है !
अब अगर आप
पूजा का चंदा मांगने
अम्बानी जी के
यहाँ पंहुचे, और
कहा, पूजा के
लिए ५१ रूपए
की पर्ची फड़वा
लीजिये........तो सोचिये
क्या होगा !
आप किस फ्रीक्वेंसी
पे काम कर
रहे हैं और
भगवन क्या करेगा
!
तो आज के
बाद दो बातों
का ध्यान रक्खें
आवृत्ति
(Frequency ) और तथास्तु का
हमेशा अपनी आवृत्ति
(Frequency) सफल व्यक्तिओं के स्तर
पर रक्खें !
और भगवान या इस
श्रिष्टि से कुछ
मांगना ही है
तो, बड़ा मांगे
!
जय हो, मंगलमय हो !
ब्लॉग कैसा लगा,
टिप्पणी जरूर दें
!
मैं समझता हूँ, इस
ब्लॉग से हिंदी
के पाठकों को
काफी सहायता मिलेगी
!
आपके विचारों का आमंत्रण
है ! - हैरी
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